भारत सरकार के आदेश, 2025 से कंपनियों को अपने स्मार्टफोन में देना होगा USB Type-C चार्जिंग पोर्ट

USB Type-C : भारत सरकार ने स्मार्टफोन यूजर्स को फायदा पहुंचाने और इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट को कम करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। दरअसल, सरकार ने एक नया कानून पास किया है।

जिसके तहत मोबाइल फोन कंपनियों को 2025 से अपने डिवाइस में यूएसबी-टाइप सी चार्जिंग पोर्ट का इस्तेमाल करना होगा। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल यूरोपियन यूनियन ने यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग पोर्ट से जुड़ा नियम लागू किया था।

फोन में यूएसबी USB Type-C पोर्ट मिलेगा

केंद्र सरकार के मुताबिक आज के समय में हर डिवाइस के लिए अलग-अलग चार्जर होते हैं. इससे यूजर्स को काफी परेशानी होती है और ई-वेस्ट भी काफी बढ़ जाता है।

इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए कंपनियों को 2025 से डिवाइस में यूएसबी टाइप-सी पोर्ट देने का आदेश दिया गया है।

वहीं, सरकारी अधिकारी का कहना है कि मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए यूएसबी टाइप-सी पोर्ट अनिवार्य कर दिया गया है।

हालांकि, यूएसबी टाइप-सी पोर्ट के आने से फीचर्स, ईयरफोन और स्मार्टवॉच की कीमत बढ़ सकती है। सरकार इस पर विचार कर रही है।

ऐसे में यह माना जा सकता है कि यूएसबी टाइप-सी पोर्ट की कैटेगरी से फीचर फोन, ईयरबड्स और स्मार्टवॉच जैसे डिवाइस को हटाया जा सकता है।

Apple क्या करेगा

भारत सरकार के नए नियम का सबसे ज्यादा असर एपल पर पड़ेगा। फिलहाल कंपनी अपने डिवाइस में USB Type-C पोर्ट की जगह लाइटनिंग पोर्ट देती है। ऐसे में अब सवाल खड़ा हो गया है कि कंपनी अपने आने वाले डिवाइस में यूएसबी टाइप-सी पोर्ट देगी या नहीं।

अक्टूबर में पारित हुआ नियम

यूरोपीय संघ ने इस नियम को पिछले साल अक्टूबर की शुरुआत में लागू किया था। इस नियम के तहत 2024 से कंपनियों को अपने नए स्मार्टफोन, टैबलेट और कैमरे में यूएसबी टाइप-सी पोर्ट देना होगा। बता दें कि चार्जिंग पोर्ट पॉलिसी के समर्थन में 602 पोर्ट वोट पड़े, जबकि नियम के खिलाफ 13 वोट पड़े।

लैपटॉप पर नियम लागू हो सकते हैं

यूएसबी टाइप-सी पोर्ट कानून वर्तमान में लैपटॉप पर लागू नहीं होता है। लेकिन, कयास लगाए जा रहे हैं कि यूरोपियन यूनियन के साथ भारत भी 2026 में लैपटॉप पर इस नियम को लागू कर सकता है।

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