Internet Users Beware : इंटरनेट हमारे जीवन में कई चीजों को आसान बना देता है, लेकिन इसके जरिए कई समस्याएं भी पैदा हो सकती हैं। पिछले कुछ वर्षों में भारत में साइबर हमलों की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है।
इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2022 के नवंबर तक साइबर हमलों के कुल 12,67,564 (1.2 मिलियन) मामले सामने आए हैं। केंद्रीय आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यह जानकारी दी है। लोकसभा में जानकारी
तीन साल में 6 गुना बढ़ा साइबर अटैक
संसद के चल रहे शीतकालीन सत्र के दौरान भारत में बढ़ते साइबर अपराध के बारे में बोलते हुए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि 2018 में साइबर हमलों के कुल 2,08,456 मामले दर्ज किए गए थे।
और 2019 में यह बढ़कर 3,94,499 हो गई। वहीं, 2020 में साइबर अटैक के कुल 11,58,298 और 2021 में 14,02,809 मामले सामने आ चुके हैं। 2022 खत्म होने से पहले नवंबर तक कुल 12,67,567 मामले सामने आ चुके हैं।
हर साइबर हमले पर सरकार की नजर
पिछले कुछ सालों में इंटरनेट की पहुंच तेजी से बढ़ी है, जिससे साइबर अटैक के मामलों में यह बढ़ोतरी देखी जा रही है। हालांकि, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इंटरनेट के विस्तार के बाद सरकार साइबर हमलों को रोकने के लिए तैयार है।
सरकार ने इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) को भारत में हर साइबर हमले पर नज़र रखने और निगरानी करने के लिए कहा है। इतना ही नहीं सरकार ने देश में हो रहे हर साइबर क्राइम की रिपोर्ट देना अनिवार्य कर दिया है।
लोकसभा में बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सीईआरटी-इन एक स्वचालित साइबर थ्रेट एक्सचेंज प्लेटफॉर्म चला रहा है, जो सक्रिय रूप से सभी क्षेत्रों के संगठनों को समय-समय पर अलर्ट भेजता है।
सरकार ने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति 2013 प्रकाशित की है, जिसमें देश के नागरिकों के साथ-साथ व्यवसाय और सरकार को साइबर स्पेस में जागरूक किया जाएगा।
गृह मंत्रालय ने केंद्र सरकार के मंत्रालयों के साथ-साथ राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रालयों को राष्ट्रीय सूचना सुरक्षा नीति और दिशानिर्देश भेजे हैं ताकि नागरिकों को साइबर सुरक्षा और इससे होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जा सके। क्या नजर अंदाज किया जा सकता है।