सोशल मीडिया यूजर्स के मन में ‘ब्लू टिक’ की चाहत जरूर होती है, क्योंकि ब्लू टिक अब स्टेट्स सिंबल बन चूका है। ब्लू टिक का मतलब वेरिफाइड अकाउंट होता है। ऐसे में अगर आप भी अपना सोशल मीडिया अकाउंट वेरिफाई करना चाहते हैं, तो यह खबर आपके काम की है। बता दें कि फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर ब्लू टिक मिलने से यूजर का अकाउंट वेरिफाई हो जाता है।
ऐसे कराएं सोशल मीडिया अकाउंट वेरिफाई
दरअसल, यूजर्स अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स जैसे ट्विटर-फेसबुक और इंस्टाग्राम को वेरिफाई करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि अकाउंट पर ब्लू टिक कैसे लगाएं।
ऐसे में कुछ कंपनियां ब्लू टिक के लिए यूजर से मोटी रकम वसूलती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में ब्लू टिक के लिए यूजर्स को 30 हजार से 1 लाख रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं।
ये कंपनियां और साइट्स ब्लू टिक देती है सर्व्हिस
अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में ब्लू टिक के लिए सोशल मीडिया यूजर्स को भारी भरकम फीस चुकानी पड़ती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, mpsocial.com, blackhatworld.com और swapd.co जैसी साइट्स ब्लू टिक ऑफर करती हैं, जिसके लिए वे मोटी कीमत वसूलते हैं। आपको बता दें कि बाजार में कई ऐसी डिजिटल मार्केटिंग एजेंसियां हैं, जो यूजर्स को ब्लू टिक सर्विस मुहैया करा रही हैं।
ब्लू टिक क्या है और इसके क्या फायदे हैं?
दरअसल, ब्लू टिक आने का मतलब होगा कि सोशल अकाउंट वेरिफाइड है। यानी अकाउंट फेक नहीं है, वेरिफाई हो चुका है। इसके लिए एजेंसी वेरिफिकेशन सर्विस दे रही है। बूस्टिंग टूल्स का उपयोग करके सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स की संख्या बढ़ाएं। इसके द्वारा अकाउंट या अकाउंट से संबंधित पोस्ट को बूस्ट किया जाता है। इसके लिए कंपनियां मोटी फीस लेती हैं।
इन लोगों को आसानी से मिलता है ‘ब्लू टिक’
ब्लू टिक के लिए यूजर्स का अकाउंट वैलिड और एक्टिव होना चाहिए। फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसी कंपनियां आमतौर पर सरकारी संगठनों, कंपनियों, विशेष व्यक्तियों, राजनेताओं, अभिनेताओं, व्यापारियों, समाचार कंपनियों और राजनेताओं को आसानी से ब्लू टिक देती हैं या अपने खातों को सत्यापित करती हैं।