Car Base Variant : आज के समय में बाजार में एक ही कार के कई मॉडल मौजूद हैं। कार के कई वेरिएंट्स की कीमतों में भारी अंतर है। ऐसे में कुछ लोग बेस वेरिएंट को प्राथमिकता देते हैं तो कुछ टॉप वेरिएंट को खरीदना पसंद करते हैं। आखिर कंपनियां बेस वेरिएंट क्यों बेचती हैं। इस खबर में हम आपको बताने जा रहे हैं।
क्या होता है बेस वेरिएंट
दुनिया भर की तमाम कार कंपनियां अपनी कारों के कई मॉडल बाजार में उतारती हैं। इनमें कई वेरियंट्स ऑफर किए जाते हैं। इन वेरिएंट में कुछ फीचर्स नहीं दिए गए हैं, इसलिए इनकी कीमत बाकी वेरिएंट के मुकाबले कम है।
बेस वैरिएंट कंपनियों के लिए फायदेमंद
हर कार और एसयूवी के बेस वेरिएंट को बाजार में उतारने का कार निर्माताओं को भी बड़ा फायदा होता है। कंपनियां उन ग्राहकों को आसानी से टारगेट कर सकती हैं, जो कीमत ज्यादा होने की वजह से उस कार को नहीं खरीद पाते हैं और दूसरी कंपनी की कार में शिफ्ट हो जाते हैं।
कीमत में क्या अंतर है
आमतौर पर किसी भी कार के बेस वेरिएंट और टॉप वेरिएंट की कीमत में काफी अंतर होता है। उदाहरण के तौर पर मारुति की ब्रेजा और हुंडई की वेन्यू को ही ले लीजिए।
ब्रेजा कुल चार वेरिएंट में आती है, जिनमें से बेस वेरिएंट एलएक्सआई है, जिसकी एक्स-शोरूम कीमत 7.99 लाख रुपये है, जबकि इसका टॉप वेरिएंट जेडएक्सआई प्लस है।
जिसकी एक्स-शोरूम कीमत 12.30 लाख रुपये है। दूसरी तरफ Hyundai की Venue भी बेस वेरिएंट E के साथ आती है, जिसकी एक्स-शोरूम कीमत 7.53 लाख रुपये है।
जबकि इसके टॉप वेरिएंट की एक्स-शोरूम कीमत 12.52 लाख रुपये है. इस तरह एक ही कार के बेस और टॉप वेरिएंट की कीमत में चार से पांच लाख रुपये या इससे ज्यादा का अंतर आ जाता है।
सुविधाओं में अंतर
कोई भी कार निर्माता कंपनी जब अपनी कार का बेस वेरिएंट बाजार में उतारती है तो उसमें से कई फीचर हटा दिए जाते हैं, जिससे कंपनी को कार की कीमत कम रखने में मदद मिलती है।
ऐसी कारों में एलईडी लाइट्स की जगह ट्रेडिशनल हैलोजन लाइट्स दी जाती हैं। इलेक्ट्रिक एडजस्टेबल ओआरवीएम को मैनुअल विकल्पों से बदल दिया जाता है।
अलॉय व्हील्स की जगह स्टील रिम्स दिए जाते हैं। पुश स्टार्ट बटन के बजाय कार को स्टार्ट करने के लिए एक चाबी देते है। इनके अलावा म्यूजिक सिस्टम, फ्रंट बंपर ग्रिल की फिनिशिंग, फॉग लैप्स, रियर पार्किंग कैमरा, हाइट एडजस्टेबल ड्राइवर सीट जैसे फीचर्स से भी समझौता किया जाता है।
बेस वैरिएंट वाली कारों में सेफ्टी फीचर में भी फर्क होता है। जहां टॉप और मिड वैरिएंट में कंपनियां चार, छह एयरबैग देती हैं वहीं बेस वैरिएंट में सिर्फ दो एयरबैग ही दिए जाते हैं।
इसके अलावा टायर प्रैशर मॉनिटरिंग सिस्टम, की लैस एंट्री, रियर वाइपर, डिफॉगर, डीआरएल जैसे फीचर्स भी ऑफर नहीं किए जाते।
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