Tech Khabar : बहुत से लोग बचपन में दीवार के आर पार देखने की शक्ति चाहते हैं। इस तरह की ताकत वाले सुपरहीरो को सभी कार्टून या सीरियल में दिखाया जाता है।
लेकिन असल जिंदगी में ऐसा करने के लिए महंगी तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। इस तकनीक तक पहुंच केवल सरकारी एजेंसियों के लिए उपलब्ध है या उच्च-स्तरीय सुरक्षा प्रदाता ऐसा कर सकते हैं।
कार्नेगी मेलन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने दीवारों पर इंसानों को सेंसर करने का एक अजब सा तरीका खोजा है। वैज्ञानिकों ने वाई-फाई राउटर की मदद से दीवार के आर-पार देखने की तकनीक तैयार की है। यह न सिर्फ इंसान की 3डी शेप तैयार करेगा बल्कि उसके पोज के बारे में भी जानकारी देगा।
तकनीक क्या है?
शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च पेपर पेश किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि किस तरह डीप न्यूरल नेटवर्क (Dense Pose) का इस्तेमाल किया गया है।
दरअसल, शोधकर्ताओं ने डेंस पोज तकनीक का इस्तेमाल किया है, जो वाई-फाई सिग्नल की मदद से यूवी कोऑर्डिनेट मैपिंग करती है।
इसका उपयोग करके, एक 3D मॉडल सतह को 2D फ़ोटो में प्रक्षेपित किया जाता है। डेंस पोज़ तकनीक को इंपीरियल कॉलेज लंदन, फेसबुक एआई और यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है।
इस प्रोजेक्ट की मदद से कई सब्जेक्ट्स के पोज को सही तरीके से मैप किया गया है। जहां ऐसे रिजल्ट के लिए महंगे RGB कैमरे, LiDAR और रडार का इस्तेमाल किया जाता है. यह तकनीक सस्ते में यह काम कर देती है।
तकनीक कैसे काम करती है?
रिपोर्ट्स की मानें तो शोधकर्ता वाई-फाई का इस्तेमाल कर इंसान के पोज भी समझ सकते हैं। इस पर शोधकर्ताओं ने कहा, ‘इस अध्ययन के परिणाम से पता चलता है कि हमारा मॉडल वाई-फाई सिग्नल की मदद से कई विषयों के डेंस पोज का अनुमान लगा सकता है। यह बहुत सस्ता और अधिक सुलभ तरीका है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, उनकी इस तकनीक का इस्तेमाल होम हेल्थकेयर में किया जा सकता है, जहां मरीज कैमरों के जरिए निगरानी नहीं करना चाहते।
इसे खासतौर पर बाथरूम जैसी जगहों पर इस्तेमाल किया जा सकता है। यह तकनीक खराब रोशनी या दीवार जैसी रुकावटों से प्रभावित नहीं होगी।